आगरा: Agra Digital Desk:ताजमहल इन दिनों देश भर में चर्चित है. शहर में बारिश के बाद ताज की हालत पर एएसआई पर सवाल उठ रहे हैं. कभी मुख्य गुंबद से पानी रिस रहा है तो कभी कोई पर्यटक ताज के मुख्य गुंबद की दीवार में उगे पौधों का वीडियो बना कर वायरल कर देते हैं. ताजमहल पर ओवैशी और अखिलेश यादव ने तंज कसा. एएसआई ने अखिलेश के पोस्ट पर बिंदुवार जवाब भी दिया जिसमें लिखा था कि ताज पर बंदरों के काटने की एक भी शिकायत दर्ज नहीं की गई है. एएसआई ने जब अखिलेश को ये जबाव लिखा उसके अगले दिन ही ताज के ईस्ट गेट से एक वीडियो वायरल हुआ. वीडियो में महिला जमीन पर गिरी हुई है वीडियो में कुछ देर बाद ही बंदर भागते हुए देखे जा सकते हैं. कुछ दिन पहले भी एक और महिला पर्यटक को बंदरों ने घायल कर दिया था.
नगर निगम ने चलाया था अभियान
ताज पर बंदरों और कुत्तों की समस्या को लेकर एएसआई ने नगर निगम को पत्र लिखा था. नगर निगम ने इसके बाद अभियान चलाया था. अभियान के दौरान नगर निगम की टीम ने जिला अस्पताल आगरा किला और कई अन्य जगहों से बंदरों को पकडऩे के लिए अभियान चलाया था. अभियान के बाद भी ताज पर बंदरों की समस्या में कोई कमी नहीं आई. आए दिन पर्यटक बंदरों के झुंड का शिकार बन चुके हैं. पिछले कुछ समय पहले बंदरों को वन्य जीव की सूची से हटा दिया गया था लेकिन फिर भी ताज सहित इन स्मारकों पर बंदरों की संख्या में कोई कमी नहीं आ पा रही है.
हाईकोर्ट तक पहुंच चुका है बंदरों के आतंक का मामला
शहर में बंदरों की समस्या के समाधान को आगरा डवलपमेंट फाउंडेशन के सचिव अधिवक्ता केसी जैन और प्रशांत जैन ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. इसका समाधान नहीं होने पर हाईकोर्ट ने नाराजग़ी भी जाहिर की थी. हालांकि यूपी का पहला मंकी रेस्क्यू सेंटर आगरा में बनाया जाएगा. नगर निगम के अधिकारियों ने प्रदेश के पहले मंकी रेस्क्यू सेंटर की डीपीआर तैयार कर ली है. प्रदेश के पहले मंकी रेस्क्यू सेंटर का निर्माण सिकंदरा क्षेत्र के स्वामी मुस्तकिल में 5 एकड़ भूमि पर होना है. इस पर अनुमानित लागत 14 करोड़ आएगी.
अखिलेश यादव ने उठाए थे सवाल
दो दिन पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक्स पर एक पोस्ट करते हुए ताजमहल के रखरखाव और बंदरों की समस्या को लेकर सवाल उठाए थे. अखिलेश ने इसी पोस्ट में लिखा था कि ताज महल बंदरों के लिए अभयारण्य बन गया है. हालांकि एएसआई ने बिंदुवार जवाब देते हुए लिखा था कि पिछले एक साल में किसी भी पर्यटक द्वारा बंदर के काटे जाने की शिकायत नहीं की गई है. अब ये वायरल वीडियो एएसआई के उन दावों पर भी सवाल खड़े कर रहा है.
नसबंदी के लिए बना चार करोड़ का बजट
नगर निगम ने शहर में बंदरों की नसबंदी कराने की योजना बनाई थी. इसके लिए चार करोड़ का बजट भी निर्धारित किया गया था अभियान में चरण वार बंदरों की नसबंदी की जानी थी पहले चरण में करीब 10 हजार बंदरो की नसबंदी के दावे किए गए थे नगर निगम के मुताबिक जुलाई तक करीब 8 हजार बंदरो की नसबंदी कर दी गई है इसके वावजूद भी शहर में बंदरोब की संख्या कम नहीं हो पा रही है शहर में लगभग 90 हजार बंदर हैं.
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