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कहीं भारी न पड़ जाए एक चुटकी नमक, रिसर्च ने उड़ाए होश।

Salt Awareness
Salt Awareness

Health Desk: नमक एक ऐसी चीज है जिसके बिना खाने में स्वाद ही नहीं आ सकता है. नमक ही हमारे खाने के स्वादिष्ट बनाता है. किचन में रखा नमक खाने का स्वाद बना भी सकता है और बिगाड़ भी सकता है. एक चुटकी नमक खाने को और लजीज बना सकता है लेकिन यही एक चुटकी नमक अगर अधिक मात्रा में डाल दिया जाए तो खाने का स्वाद बिगाड़ देगा. इंडियन कॉउन्सिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के नेशनल सेंटर फॉर डिजीज इंफॉर्मेटिक्स एंड रिसर्च और एम्स दिल्ली की एक रिसर्च के मुताबिक भारतीय लोग चटपटे खाने के शौकीन हैं. उनकी यही आदत अब उनको खतरे में डाल रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक औसतन भारतीय मानकों से 60 फीसदी अधिक नमक का सेवन कर रहे हैं जो कि लोगों को बीमार कर रहा है. इसी रिपोर्ट के मुताबिक अगर इसका उपयोग सीमित नहीं किया गया तो आने वाले सात सालों में करीब 70 लाख लोग नमक से होने वाली बीमारियों से जान गंवा देंगे.

शहर में भी बढ़ रही समस्या 

शहर में एसएन के अलावा भी कई अन्य प्राइवेट डॉक्टरों के पास हर्ट डिजीज से संबंधित पेशेंट आ रहे हैं. यहां डॉक्टर उनको नमक कम करने या संतुलित मात्रा में लेने की सलाह दे रहे हैं. शहर में पिछले दिनों में ऐसे कई केस आ चुके हैं जिनमें पेशेंट सोडियम की अधिकता से बीमार हुआ और सोडियम उसको अधिक नमक का सेवन करने से मिली. इसलिए शहर के डॉक्टर भी अब मरीजों को संतुलित मात्रा में ही नमक लेने को आगाह कर रहे हैं. 

नमक बन रहा लाखों मौतों की वजह 

डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के मुताबिक दुनियाभर में हर साल हार्ट संबंधी रोगों से तकरीबन 1 करोड़ 80 लाख लोगों की मौत होती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के पोषण विभाग के डायरेक्टर फ्र ांसिस् ब्रांका के मुताबिक यदि अकेले सोडियम की ज्यादा मात्रा से मौत की बात की जाए तो हर साल तकरीबन 18 लाख लोग मौत का शिकार होते हैं. इसके अलावा तमाम ऐसे हैं जो गंभीर बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं.

नमक के अधिक सेवन से लगातार बढ़ रहीं हर्ट की समस्या 

भारत में कई प्रकार की बीमारियों के लिए लाइफस्टाइल और डाइट को प्रमुख कारण माना जाता है. इसके अलावा गर्मियों में प्रोसेस्ड जंक फूड का सेवन भी कई बीमारियों का कारण बनता है. इन सब रिसर्च के बीच एक अन्य रिसर्च ने जो आकंड़े बताये हैं वे चौंकाने वाले हैं. दरअसल अमेरिका के इंस्टीट्यूट फॉर हैल्थ मैट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक विश्व में लाइफस्टाइल की जिन समस्याओं से सबसे अधिक मौतें होती हैं उनमें तंबाकू प्रोडक्ट से सबसे अधिक मौतें होती हैं उतनी ही मौतें हर्ट की बीमारियों से हो रही हैं. हर्ट की बीमारी नमक की डाइट में बढ़ती मात्रा की अधिकता से होती हैं जो चिंताजनक है.

मानकों से अधिक नमक खा रहे भारतीय पुरुष 

आईसीएमआर और एम्स, दिल्ली एक रिसर्च में खुलासा हुआ है कि एक औसत भारतीय तय मानकों से 60 फीसदी ज्यादा नमक का सेवन कर रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय मानक के अनुसार एक व्यस्क को हर दिन करीब पांच ग्राम या उससे कम नमक का सेवन करना चाहिए. जबकि सोडियम की मात्रा दो ग्राम प्रतिदिन से कम होनी चाहिए. लेकिन एक औसत भारतीय हर दिन औसतन 8.9 ग्राम नमक का सेवन कर रहा है जो तय मानकों से करीब 78 फीसदी अधिक है. हालांकि नमक के सेवन के मामलें में भारतीय महिलाएं पुरुषों से पीछे हैं, जो हर दिन करीब 7.9 ग्राम नमक का सेवन कर रही है. लेकिन यह मात्रा भी तय मानकों से 40 फीसदी ज्यादा है जो स्वास्थ्य के लिहाज से ठीक नहीं है.

देखें नमक के नुकसान 

जर्नल साइंस ट्रांसलेशनल मेडिसिन में प्रकाशित रिसर्च के अनुसार. जरुरत से ज्यादा नमक आपके इम्यून सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकता है. इसके अलावा  अधिक मात्रा में नमक के सेवन से ब्लड प्रेशर में इजाफा हो जाता है और दिल का दौरा पडऩे या स्ट्रोक होने का खतरा बढ़ जाता है. अधिक मात्रा में नमक का सेवन शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर देता है कई मामलों में सोडियम की अधिक मात्रा किडनी में समस्या की वजह भी बनता है. 

  • 60 फीसदी अधिक नमक खा रहे हैं भारतीय तय मानकों से 
  • 8.9 ग्राम नमक औसतन खाता है एक भारतीय 
  • 5 ग्राम से कम नमक खाना चाहिए डब्ल्यूएचओ के मुताबिक़ 
  • 30 लाख से अधिक लोगों की जान जाती है दुनिया भर में हर साल अधिक सोडियम से

-नमक अधिक खाने से ब्लड प्रेसर बढ़ा रहता है इसके अलावा हमें नमक संतुलित मात्रा में ही खाना चाहिए ताकि हम अधिक नमक खाने से होनी वाली बीमारियों से बचा जा सके

डॉ प्रशांत गुप्ता प्रिंसिपल एसएन मेडिकल कॉलेज 

  • नमक अधिक मात्रा में लेने से हर्ट संबंधित डिजीज हो रहीं हैं. अधिक मात्रा में नमक लेने से बोडी में सोडियम मिटेंशन बढ़ जाता है और इससे बीपी बढ़ जाता है. 

(ये जानकारी इमरजेंसी विभाग डिस्ट्रिक हॉस्पिटल के डॉ विनय गोयल द्वारा दी गई है.)